इल्मे दीन हासिल करना हर मर्द और औरत पर फर्ज है!
आज हमारो भाई सिर्फ दुनियादारी के पिछे पडे है,और ईल्म से दूर होते जा रहे है..मेरे भाईयो वक्त रहते ईल्म हासिल करो…
एक ह़दीस मुबारक में इ़ल्मे दीन ह़ासिल करने की बहुत बड़ी फ़ज़ीलत बयान हुई हैं ”
सरकारे दो आ़लम ﷺ एक सह़ाबी رضي الله عنه से गुफ़्तगू फ़रमा रहे थे कि वह़ी आई (पैग़ाम आया)
येह शख़्स जो आप के साथ बात कर रहा हैं इस की उ़म्र सिर्फ़ एक साअ़त बाक़ी रह गई हैं”!
वोह अस्र का वक़्त था कि सरकारे मदीना ﷺ ने उस सह़ाबी رضي الله عنه को इस बात से आगाह फ़रमाया तो वोह बे क़रार हो गए और अ़र्ज़ किया
या रसूलुल्लाह ﷺ, मुझे ऐसा अ़मल बताइये जो इस वक़्त मेरे लिए ज़्यादा मुनासिब हो !
हुज़ूर ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया_
इ़ल्म ह़ासिल करने में मश्ग़ूल हो जाओ
तो वोह सह़ाबी رضي الله عنه इ़ल्म ह़ासिल करने में मश्ग़ूल हो गए और मग़रिब से पहले इन्तिक़ाल फ़रमा गए !
रावी का कहना हैं कि अगर इ़ल्म से अफ़ज़ल कोई और चीज़ होती तो सरकार ﷺ उस वक़्त में उसी के करने का हुक्म फ़रमाते !
हवाला (तफ़्सीरे कबीर, जिल्द-1, सफ़ह़ा-410)
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