आख़िरत और हश्र का बयान
अच्छे बुरे कामों का हिसाब होगा
हिसाब किताब हक़ है और हर अच्छे बुरे कामों का हिसाब होगा | जो हिसाब का इन्कार करे वह काफ़िर है किसी से इस तरह हिसाब लिया जायेगा कि उससे चुपके से पूछा जायेगा कि तूने यह काम किया और यह काम किया |
अ़र्ज़ करेगा ऐ रब यहाँ तक कि तमाम गुनाहों का इकरार लेलेगा अब यह अपने दिल में समझेगा कि अब गये फ़रमायेगा कि हम ने दुनिया में तेरे ऐब छुपाये और अब बख़्शते हैं | और किसी से सख्ती के साथ एक बात पूछी जायेगी | जिससे इस तरह सवाल होगा उसकी हलाकत सामने है |
अल्लाह तआला किसी से पूछेगा कि ऐ फुलाने क्या मैंने तुझे इज्ज़त न दी क्या तुझे सरदार न बनाया _? और क्या तुझे घोडे उँट वग़ैरा का मालिक न बनाया ? और जो कुछ भी उसे अत़ा किया गया होगा वो सब उसे याद दिलाया जायेगा |
वह सब का इकरार करेगा | फिर अल्लाह पूछेगा कि क्या तुझे मुझ से मिलने का ध्यान था ? वह कहेगा कि नहीं | तब अल्लाह तआला फ़रमायेगा कि जब तूने मुझे भुला दिया तो हम भी तुझे अ़जा़ब में डालते हैं |
कुछ लोग ऐसे भी होंगे कि जब अल्लाह तआला अपनी दी हुई दौलतों को उन्हें याद दिला कर उनसे पूछेगा कि तुमने क्या किया …?
तो वह जवाब देंगे कि हम तेरे हुक्म को मानते हुए तुझ पर तेरी किताबों पर तेरे रसूलों पर ईमान लाये | नमाज़ें पढ़ी, रोज़े रखे,सदके दिये और बहुत से नेक कामों की फ़ेहरिस्त खुदा के सामने पेश करेंगे |
अल्लाह तआला फ़रमायेगा | अच्छा तुम पर गवाह पेश होंगे | लोग अपने जी में सोचेगा कि कौन गवाही देगा ? |
लेकिन अल्लाह के हुक्म से उनके मुँह पर ताले पड़ जायेंगे और उनके जिस्म और बदन के हर हिस्से को हुक्म होगा कि बोल चलो | उस वक्त उनकी रान, हाथ , पाँव , गोश्त, पोश्त, हड्डियाँ वग़ैरा सब गवाही देंगे और उनके सारे बुरे करतूत अल्लाह तआला के सामने पेश करेंगे |अल्लाह तआला उन्हें जहन्नम में डाल देगा |
(बहारे शरीअत)