Islamic Maloomat Hindi Me – इस्लामी मालूमात
* वैसे तो नमाज़े जनाज़ा की इब्तिदा हज़रत आदम अलैहिस्सलाम के ज़माने से मौत व हयात दोनों वुजूदी हैं जैसा कि रिवायत में है कि आपकी नमाज़े जनाज़ा फरिश्तों ने पढ़ी और इमाम हज़रत जिब्रील अलैहिस्सलाम हुए मगर इस्लाम में इसकी मशरूईयत हिजरत के तक़रीबन 9 महीने बाद हुई और सबसे पहला जनाज़ा सहाबिये रसूल हज़रत असद बिन जुरारह का पढ़ा गया जिसको खुद हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम ने पढ़ाया
📕 फतावा रज़विया,जिल्द 2,सफह 467
* मौत व हयात दोनों वुजूदी हैं जब सारे जन्नती जन्नत में और सारे जहन्नमी जहन्नम में जा चुके होंगे कि अब कोई जहन्नम से बाहर निकलने वाला ना होगा तो मौत को मेंढे की शक्ल में जन्नत व दोज़ख के दरमियान लाया जायेगा और उसे हज़रत यहया अलैहिस्सलाम अपने हाथों से ज़िबह फरमायेंगे फिर उसके बाद कोई भी नहीं मरेगा
📕 शराहुस्सुदूर,सफह 15
* अज़ान के बाद तसवीब यानि सलात पढ़ना 781 हिजरी से रायज हुआ
📕 दुर्रे मुख्तार,जिल्द 1,सफह 273
* ज़मीन का वो हिस्सा जो मेरे आक़ा सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम के जिस्म से मिला हुआ है यानि रौज़ए अनवर वो काबा मुअज़्ज़मा बल्कि अर्शे आज़म से भी अफज़ल है
📕 ज़रक़ानी,जिल्द 1,सफह 324
* रिवायत में आता है कि हिसाब किताब शुरू होने से पहले मौला निदा करवायेगा कि वो लोग अलग हो जायें जो रातों को अपनी करवटें बिस्तर से अलग रखते थे यानि तहज्जुद पढ़ने वाले,जब वो लोग अलग हो जायेंगे तो उनसे कहा जायेगा कि तुम लोग जन्नत में चले जाओ फिर उसके बाद सबका हिसाब किताब शुरू होगा,ये तादाद में 4 अरब 90 करोड़ लोग होंगे उनके साथ मौला 3 जमाअत और भेजेगा जिसकी तदाद अल्लाह और उसका रसूल सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम ही जाने
📕 बहारे शरीयत,हिस्सा 1,सफह 39
* चांद ज़मीन से 4 गुना छोटा है और 3.5 लाख किलोमीटर से भी ज़्यादा दूरी पर है और सूरज ज़मीन से तकरीबन 13 लाख गुना बड़ा है और 15 करोड़ किलोमीटर से भी ज़्यादा दूरी पर है
📕 इस्लाम और चांद का सफर,सफह 51-55
* समंदल नाम का एक कीड़ा है जो कि आग में ही पैदा होता है तुर्की में उसके ऊन की तौलिया वगैरह बनाई जाती है जो कि गन्दी होने पर आग में डाल कर ही साफ की जाती है
📕 खज़ाएनुल इरफान,पारा 15,रुकू 6
* अगर जहन्नम को सूई के नाके के बराबर खोल दिया जाए तो पूरी दुनिया उसकी गर्मी से मर जाए
📕 बहारे शरीयत,हिस्सा 1,सफह 49
* हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि दुनिया मोमिन के लिए कैदखाना और काफिर के लिए जन्नत है
📕 अनवारुल हदीस,सफह 432