Ayatul Kursi

Ayatul Kursi In Arabic English Hindi Gujarati

Ayatul Kursi In Arabic English Hindi Gujarati

जिस घर में आयतल कुर्सी ( Ayatul Kursi ) पढ़ी जाए उस घर से शैतान एक माह तक और जादूगर चालीस दिन तक दूर रहते हैं. ( तफ़सीरे कबीर )

Ayatul Kursi In Arabic

بِسْمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِیْمِ
اللَّهُ لاَ إِلَهَ إِلاَّ هُوَ الْحَيُّ الْقَيُّومُ لاَ تَأْخُذُهُ سِنَةٌ وَلاَ نَوْمٌ لَهُ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الأَرْضِ مَنْ ذَا الَّذِي يَشْفَعُ عِنْدَهُ إِلاَّ بِإِذْنِهِ يَعْلَمُ مَا بَيْنَ أَيْدِيهِمْ وَمَا خَلْفَهُمْ وَلاَ يُحِيطُونَ بِشَيْءٍ مِنْ عِلْمِهِ إِلاَّ بِمَا شَاءَ وَسِعَ كُرْسِيُّهُ السَّمَاواتِ وَالأَرْضَ وَلاَ يَئُودُهُ حِفْظُهُمَا وَهُوَ الْعَلِيُّ الْعَظِيمُ

हज़रत नोअमान बिन बशीर रदियल्लाहो तआला अन्हो से रिवायत है कि हुज़ूर सैय्यिदे आलम सल्लल्लाहो तआला अलैहे वसल्ल ने फ़रमाया अल्लाह तआला ने आसमान और ज़मीन पैदा करने से दो हज़ार साल पहले एक किताब लिखी थी उससे दो आयतें नाज़िल फ़रमाई जिनपर सूरए बक़रह को ख़त्म फ़रमाया. जिस घर में तीन रातें इन आयतों को पढ़ा जाए तो शैतान उसके क़रीब भी नहीं फटक सकता. ( तिरमिज़ी, बुखारी, दारमी वग़ैरह )

Ayatul Kursi Image In Arabic

Ayatul Kursi In Arabic


आयतल कुर्सी इन हिंदी

हज़रत इब्ने अब्बास रदियल्लाहो तआला अन्हमा से रिवायत है कि हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि जो कोई जुमरात के दिन ज़ोहर और अस्र के बीच दो रकअत नमाज़ पढ़े, पहली रकअत में सूरए फ़ातिहा के बाद सौ बार आयतल कुसी ( Ayatul Kursi ) पढ़े और दूसरी रकअत में सूरए फ़ातिहा एक बार और सूरए इखलास सौ बार पढ़े और मुझपर सौ बार दरूद भेजे तो अल्लाह तआला उसे रजब, शअबान और रमज़ान के रोज़ों का सवाब देगा और हज्जे बैतुल्लाह का सवाब अता फ़रमाएगा और उसके नामए अअमाल में हर मूमिन की एक एक नेकी लिखेगा. ( सलाते नासिरी )

Ayatul Kursi in Hindi

अल्लाहु ला इलाहा इल्लाहू अल हय्युल क़य्यूम
ला तअ’खुज़ुहू सिनतुव वला नौम
लहू मा फिस सामावाति वमा फ़िल अर्ज़
मन ज़ल लज़ी यश फ़ऊ इन्दहू इल्ला बि इज़निह
यअलमु मा बैना अयदीहिम वमा खल्फहुम
वला युहीतूना बिशय इम मिन इल्मिही इल्ला बिमा शा..अ
वसिअ कुरसिय्यु हुस समावति वल अर्ज़
वला यऊ दुहू हिफ्ज़ुहुमा वहुवल अलिय्युल अज़ीम

Ayatul Kursi Image in Hindi

Ayatul Kursi in Hindi

बुख़ारी ने अपनी तारीख़ में हज़रत अनस रदियल्लाहो तआला अन्हो से रिवायत की है कि हुज़ूर सल्लल्लाहो तआला अलैहे वसल्ल फ़रमाते हैं कि हमें आयतल कुर्सी अर्श के नीच इनायत फ़रमाई गई. ( दुरे मन्सूर )



Ayatul Kursi in Roman English

Allahu Laaa Ilaaha Illaa Huwal Haiyul Qai-yoom; Laa Taakhuzuhoo Sinatunw Wa Laa Nawm;
Lahoo Maa Fissamaawaati Wa Maa Fil Arz;
Man Zallazee Yashfa’u ‘indahooo Illaa Be Iznih;
Ya’lamu Maa Baina Aideehim Wa Maa Khalfahum;
Wa Laa Yuheetoona Beshai Immin ‘ilmihee Illa Bi Maa Shaaa’;
Wasi’a Kursiyyuhus Samaa Waati Wal Arz;
Wa La Ya’ooduho Hifzuhumaa;
Wa Huwal ‘aliyyul ‘azeem.

Ayatul Kursi in English Translation

Allah Is (worthy Of Worship); There Is No One Worthy Of Worship Except Him. He Is Alive On His Own Accord And The Preserver Of (all) Others. Neither Drowsiness Nor Sleep Overcomes Him, Whatever Is In The Heavens And Whatever Is In The Earth Belongs To Him Alone; Who Is The One Who Can Intercede In His Domain Without His Permission? He Knows Whatever Is In Front Of Them And Whatever Is Behind Them; And They (i.e. People) Do Not Attain From His Knowledge Except As Much As He Wills. The Heavens And The Earth Are Encompassed In His Throne And Their Protection Is Not A Burden For Him. And Only He Is The Supreme, The Great.

Ayatul Kursi Image in Roman English

Ayatul Kursi In English

हज़रत अनस रदियल्लाहो तआला अन्हो की एक और रिवायत है कि आयतल कुर्सी चहारुम कुरआन है. ( मुस्नदे अहमद )



Ayatul Kursi in Gujarati

બિસ્મિલ્લા હિર્રહમા નિર્રહીમ
અલ્લાહુ લા ઈલા-હ ઇલ્લા હૂવલ હય્યુલ કય્યુમ
લા તઅ-ખુઝુહૂ સિ-ન-તુંવ વલા નૌમ
લહૂ મા ફિસ સમાવતી વમા ફિલ અર્દ
મન ઝલ્લઝી યશ્ફઉ ઇન્દહૂ ઇલ્લા બિ-ઇઝ-નિહ
યઅ-લમુ મા બૈ-ન ઐદીહિમ વમા ખલ્ફહુમ
વલા યુહીતૂ-ન બિશૈઇમ મિન ઇલ્મિહી ઇલ્લા બિમા શાઅ
વસિ-અ કુર્સિય્યુ-હુસ સમાવાતિ વલ્-અર્દ
વલા યઊદુહૂ હિફઝુહુમા વહુવલ અલિય્યુલ અઝીમ.

Ayatul Kursi Image in Gujarati

Ayatul Kursi In Gujarati

जो कोई सोते वक़्त बिस्तर पर लेट कर आयतल कुर्सी पढ़ ले तो उसका और उसके पड़ोसी का घर चोरी, डकैती और आग लगने ग़रज़ सारी नागहानी मुसीबतों से सुबह तक मेहफ़ूज़ रहेगा. ( तफ़सीरे कबीर )



Ayatul Kursi Hindi

हज़रत अबू हुरैरह रदियल्लाहो तआला अन्हो से रिवायत है कि जनाब रसूले मक़बूल सल्लल्लाहो तआला अलैहे वसल्ल ने इरशाद फ़रमाया जो शख्स सुब्ह के वक्त सूरए हामीम सज्दा इलैहिल मसीर तक और आयतल कुर्सी पढ़ेगा उसकी शाम तक इसके ज़रिये हिफ़ाज़त की जाएगी और जो इन दोनों को शाम के वक्त तिलावत करेगा उसकी इन के ज़रिये सुबह तक हिफ़ाज़त की जाएगी. ( निरमिज़ी, मिश्कात)

Ayatul Kursi In Audio Mp3 Downloading

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

We are sorry that this post was not useful for you!

Let us improve this post!

Tell us how we can improve this post?

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top