शबे मेराज की नवाफ़िल नमाज़
१२ रकात : (दो दो करके) तरकीबः हर रकात में अल्हम्द के बाद पाँच बार कुलहुवल्लाहु अहद, बारह रकात पढ़ने के बाद सौ बार कलमए तमजीद, सौ बर इस्तिगफार, सौ बार दुरुद शरीफ
फजीलतः जो दुआ करे इन्शा अल्लाह कुबूल होगी।
६ रकात : (दो दो करके) तरकीबः हर रकात में अल्हम्द के बाद सात बार कुलहुवल्लाहु पढ़े 6 रकात पढ़ने के बाद पचास बार दुरूद शरीफ पढ़े, फ़ज़ीलत तमाम दीनी व दुनियवी हाजात पूरी होंगी और सत्तर हजार गुनाह माफ होते हैं।
२ रकात : तरकीबः हर रकात में अल्हम्द के बाद सत्ताईस बार कुलहुवल्लाहु पढ़े और कायदे में अत्तहिय्यात के बाद सत्ताईस बार दुरूदे इब्राहीम पढ़े। सलाम के बाद इस का हदिया हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बारगाह में पेश करने की सआदत हासिल करे।
२ रकात : तरकीबः पहली रकात में अल्हम्द के बाद एक बार सूरह अलम नशरह, दूसरी रकात में सूरह अल्हम्दो के बाद सूरह लिईलाफ़ि कुरेश पढ़ें। फ़ज़ीलत यह नमाज़ पढ़ने से औलिया के साथ नमाज़ पढ़ने का सवाब मिलता है
१० रकात : (दो दो करके) तरकीबः हर रकात में अल्हम्द के बाद तीन बार सरह काफिरून, तीन बार कुलहुवल्लाह पढ़े। दस रकात के बाद एक बार कलमए तौहीद पढ़े। फिर यह दुआ पढ़े अल्लाहुम्मा सल्लि अला सय्यिदिना मुहम्मदिवं अला आलिहित्ताहिरीना वला हौल वला कुळ्वता इल्ला बिल्लाहिल अलिय्यिल अजीम।
फजीलतः अल्लाह तआला हर रकात के बदले हजार रकात का सवाब अता करेगा।
🎁 गुस्ल के फजाइल : हुजुर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इर्शाद फ़रमाया जो कोई रजब की पहली, १५ दी और २७ को गुस्ल करेगा तो वो गुनाहों से ऐसा पाक हो जाता है जैसे अभी पैदा हुआ हो.
🎁 रोजे की फजीलत : जो कोई २७ रजब को रोज़ा रखे उस को जन्नत की एक नहर से पानी पिलाया जाएगा जो शहद से ज़्यादा मीठा, बर्फ से ज़्यादा ठंडा और दूध से ज़्यादा सुफेद होगा. और अल्लाह तआला उस को दोज़ख की आग से बचा लेगा और जन्नत से सरफराज़ फरमाएगा.