मोमिनो ख़ुशियाँ मनाओ, चाँद निकला ईद का
नूर की शम्ए जलाओ, चाँद निकला ईद का
घर को अपने तुम सजाओ चाँद निकला ईद का
रौशनी से झगमगाओ, चाँद निकला ईद का
दो मुबारकबाद सबको ईद की ऐ मोमिनो !
सर को सज़्दे में झुकाओ, चाँद निकला ईद का
रब ﷻ ने रोज़ेदार को अब ईद का तोहफा दिया
ईद के नग्में सुनाओ, चाँद निकला ईद का
उन ग़रीबों के मकां पर भेजिएगा खीर आज
और यतीमों को खिलाओ, चाँद निकला ईद का
छोटे बच्चे, नौजवां या हो बुज़ुर्ग कोई भी
सबको सीने से लगाओ, चाँद निकला ईद का
ईद आई लेके ख़ुशियाँ, रब ﷻ की रहमत, बरकतें
खाली दामन भरते जाओ, चाँद निकला ईद का
पहन लो कपड़े नए फिर ईदगाह को चलो
सून्नते अपनाते जाओ, चाँद निकला ईद का
ईद की खुशियो में शामिल हो गए हैं सब के सब
झुम कर सब मिल के गाओ, चाँद निकला ईद का
अपने माथे पर सजा लो सब्ज़ इमामे की बहार
इत्र भी सब के लगाओ, चाँद निकला ईद का
आज ईदी में मिलेगी सबको बेख़ुद जन्नतें
जाके सबको तुम बताओ, चाँद निकला ईद का
शायर:
बेख़ुद माण्डलवी
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