शबे बरात की नवाफ़िल नमाज़ – Shab E Barat Ki Nawafil Namaz
२ रकात : नफ़्ल तहय्यतुल वुजू पढ़िए तरकीबः हर रकात में अल्हम्द के बाद एक बार आयतल कुर्सी तीन बार कुलहुवल्लाहु अहद
फ़ज़ीलतः हर रकात के बदले सात सौ रकात नफ़्ल का सवाब मिलेगा।
२ रकात : तरकीबः हर रकात में अल्हम्द के बाद एक बार आयतल कुर्सी पंदरह बार कुलहुवल्लाहु अहद सलाम के बाद सौ बार दुरूद शरीफ,
फ़ज़ीलतः रोज़ी में बरकत होगी। रंजोगम से नजात, गुनाहों की बख्शिश, मरिफरत होगी।
८ रकात : (दो दो करके) हर रकात में अल्हम्द के बाद पाँच बार कुलहुवल्लाहु अहद,
फ़ज़ीलतः गुनाहों से पाक व साफ होगा। दुआएँ कुबूल होंगी, सवाबे अज़ीम होगा।
१२ रकात – (दो दो करके) तरकीब: रकात में अल्हम्द के बाद दस बार कुलहुवल्लाहु अहद बारह रकात पढ़ने के बाद दस बार कलमए तौहीद, दस बार कलमए तमजीद दस बार दुरूद शरीफ।
१४ रकात : (दो दो करके) तरकीबः हर रकात में अल्हम्द के बाद जो सूरह चाहे पढ़ें।
फ़ज़ीलतः जो भी दुआ मांगे कुबूल होगी।
४ रकात : (एक सलाम से) तरकीबः हर रकात में अल्हम्द के बाद पचास बार कुलहुवल्लाहु अहद,
फ़ज़ीलतः गुनाहों से ऐसे पाक हो जाएगा जैसे अभी माँ के पेट से पैदा हुआ।
८ रकात : (एक सलाम से) तरकीबः हर रकात में अल्हम्द के बाद ग्यारह बार कुलहुवल्लाहु अहद इस का सवाब खातूने जन्नत हज़रत फातेमतुज जोहरा रदीअल्लाहु तआला अन्हा को नज़ करे।
फ़ज़ीलतः आप फरमाती हैं कि मैं नमाज़ पढ़ने वाले की शफाअत किए बिना जन्नत में कदम न रखूँगी।
🎁 रोजे की फजीलत
हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम फ़रमाते हैं कि जिस ने शाबान में एक दिन रोजा रखा इस को मेरी शफाअत हलाल हो गई। एक और हदीस शरीफ है कि हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि जो शख्स शाबान की 15 तारीख को रोजा रखेगा उसे जहन्न्म की आग न छूएगी।