आयतल कुर्सी (क़ुरान 2:255- 7)
۞ بِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ ۞
اللَّهُ لاَ إِلَهَ إِلاَّ هُوَ الْحَيُّ الْقَيُّومُ لاَ تَأْخُذُهُ سِنَةٌ وَلاَ نَوْمٌ لَهُ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الأَرْضِ مَنْ ذَا الَّذِي يَشْفَعُ عِنْدَهُ إِلاَّ بِإِذْنِهِ يَعْلَمُ مَا بَيْنَ أَيْدِيهِمْ وَمَا خَلْفَهُمْ وَلاَ يُحِيطُونَ بِشَيْءٍ مِنْ عِلْمِهِ إِلاَّ بِمَا شَاءَ وَسِعَ كُرْسِيُّهُ السَّمَاواتِ وَالأَرْضَ وَلاَ يَئُودُهُ حِفْظُهُمَا وَهُوَ الْعَلِيُّ الْعَظِيمُ
आयतुल कुर्सी हिन्दी में
۞ बिस्मिल्ला हिर रहमानिर रहीम ۞
1. अल्लाहु ला इलाहा इल्लाहू
2. अल हय्युल क़य्यूम
3. ला तअ’खुज़ुहू सिनतुव वला नौम
4. लहू मा फिस सामावाति वमा फ़िल अर्ज़
5. मन ज़ल लज़ी यश फ़ऊ इन्दहू इल्ला बि इजनिह
6. यअलमु मा बैना अयदी हिम वमा खल्फहुम
7. वला युहीतूना बिशय इम मिन इल्मिही इल्ला बिमा शा..अ
8. वसिअ कुरसिय्यु हुस समावति वल अर्ज़
9. वला यऊ दुहू हिफ्ज़ुहुमा
10. वहुवल अलिय्युल अज़ीम
Ayatul Kursi In English Text
۞ Bismillah-Hirrahman-Nirrahim ۞
1. Allahu La Ilaha Illa Hu
2. Al Hayyul Qayyoom
3. La Ta Khuzuhu Sinatuw Wala Naum
4. Lahu Ma Fis Samawati Wama Fil Arz
5. Man Zal Lazi Yashfau Indahu Illa Bi Iznih
6. Ya Alamu Ma Baina Aideehim Wama Khalfahum
7. Wala Yuheetoona Bishay’im Min Ilmihi Illa Bima Shaa…A
8. Wasia Kursiy yuhus Samawati Wal Arz
9. Wala ya ooduhu hifzuhuma
10. Wahuwal aliyyul azeem
Ayatul Kursi Image
आयतल कुर्सी के 10 फ़ज़ाइल – Aytul Kursi Ki Fazilat
( 1 ) हदीस शरीफ़ में है कि यह आयत ( Ayatul Kursi ) कुरआने मजीद की आयतों में बहुत ही अज़मत वाली आयत है ।
( 2 ) हज़रते सय्यिदुना उबय्य बिन का’ब رضي الله عنه से रिवायत है ! कि हुस्ने अख़्लाक़ के पैकर, नबियों के ताजवर, महबूबे रब्बे ﷻ हुजूर ﷺ ने फ़रमाया : ऐ अबू मुन्जिर ! क्या
तुम्हें मालूम है कि कुरआने पाक की जो आयतें तुम्हें याद हैं उन मेँ कोनसी आयत अजीम है ?
मैंने अर्ज़ किया – अल्लाहु ला इला-ह इल्लल्लाहु-वल हय्युल क़य्यूमु
फिर रसूलुल्लाह ﷺ ने मेरे सीने पर हाथ मारा और फ़रमाया ऐ अबू मुन्सिर तुम्हें इल्म मुबारक हो ।
AYATUL KURSI HINDI MEIN
( 3 ) मुस्तदरक की एक रिवायत में है कि ‘ ‘सूरए ब-करह’” में एक आयत है ! जो कुरआने पाक की तमाम आयतों की सरदार है ! वोह आयत जिस घर में पडी जाए उस घर से शेतान निकल जाता है ! और वोह आयतल कुर्सी ( Ayatul Kursi ) है ।
( 4 ) अमीरुल मुअमिनीन हज़रते अली رضي الله عنه फ़रमाते हैँ कि मैंने नूर के पैकर, तमाम नबियों के सरवर, दो जहां के ताज़वर, हुजूर ﷺ को मिम्बर पर फ़रमाते हुए सुना !
जो शख्स हर नमाज़ के बा’द आयतल कुर्सी पढे ! उसे हैं ज़न्नत में दाखिल होने से मौत के सिवा कोई चीज़ नहीं रोकती ! और जो कोई रात को सोते वक़्त इसे पढेगा ! अल्लाहु ﷻ उसे, उस के घर को और उसके आस पास के घरों को महफूज फ़रमा देगा
जो शख्स हर नमाज़ के बाद ‘ आयतल कुर्सी ( Ayatul Kursi ) पढेगा ! उस को हस्बे जैल बर-कतें नसीब होंगी ‘
(5 ) वोह मरने के बा’द जन्नत में जाएगा ! इंशाअल्लाह ﷻ !
(6 ) वोह शैतान और जिन की तमाम शरारतों से महफ़ूज़ रहेगा । इंशाअल्लाह ﷻ !
( 7 ) अगर मोहताज होगा तो चन्द दिनों मेँ उस की मोहताजी और ग़रीबी दूर हो जाएगी । इंशाअल्लाह ﷻ !
( 8 ) जो शख्स सुबह व शाम और बिस्तर पर लेटते वक़्त
आयतल कुर्सी ( Ayatul Kursi ) और इस के बा’द की दो आयतें * ख़ालिदून *तक पढा करेगा ! वोह चोरी, गर्क आबी (पानी में डूबने) और जलने से महफूज रहेगा । इंशाअल्लाह ﷻ !
( 9 ) अगर सारे मकान में किसी ऊंची जगह पर आयतल कुर्सी ( Ayatul Kursi ) लिख दी जाए जिस पर हर किसी की नज़र पढ़ती हो इंशाअल्लाह ﷻ ! उस घर में कभी फ़ाक़ा न होगा बल्कि रोजी में ब-र-कत और इज़ाफ़ा होगा ! औंर उस मकान में कभी चोर ना आएगा !
( 10 ) हजरत माकल बिन यासर رضي الله عنه का बयान है कि
“जो शख्स तीन बार आयतल कुर्सी पढ़ता हो उस बंदे के लिए अल्लाह 70 हजार फरिश्तों علیہ السلام को ( मुकर्रर/مکرر ) फरमा देगा. जो शाम तक उस पर रहमत भेज रहेगें. अगर उस दिन वह शख्स मर जाता है तो शाहिद मारेगा. जो शख्स शाम को यह अमल करेगा उसे भी 70 हजार फरिश्तों علیہ السلام मुख्तार की जाएगी. वह सुबह तक वह रहमत भेज रहेगें”.