नबी ﷺ के गुस्ताखो के मुँह पे एक और तमाचा
अल्लाह फरमाता हैं :
तर्जमा: और अगर तुम उनसे पुछो तो बेशक ज़रूर कहेंगे कि हम तो यूँही हंसी खेले में थे ,तुम ठटृा करते थे ,बहाने न बनाओ तुम काफिर हो चुके अपने ईमान के बाद |”’
(पारा 10,सूरह तौबा ,रुकूअ 14).
इब्ने अबी शैबा व इब्ने जरीर व इब्नुल मुन्जिर व इब्ने अबी हातिम व अबू शैख ईमाम मुजाहिद तिलमीज़े खास सय्यदना अब्दुल्लाह इब्ने अब्बास रदियल्लाहु तआला अन्हुम से रिवायत फरमाते हैं :
” किसी शख्स की ऊँटनी गुम हो गई ,उसकी तलाश
थी , रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम
ने फरमाया ,ऊँटनी फलाँ जगह हैं ,
उस पर एक मुनाफिक बोला ,मुहम्मद (सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम) बताते हैं कि ऊँटनी फलाँ जगह है ,मुहम्मद गैब क्या जाने ?”
इस पर अल्लाह अज़्ज़ावजल्ला ने यह आयते करीमा उतारी कि क्या अल्लाह व रसूल से ठटृा करते हो ,
बहाने न बनाओ , तुम मुसलमान कहला कर इस लफज़ के कहने से काफिर हो गए
(तफसीर ईमाम इब्ने ज़रीर मतबआ मिस्र् ,ज़िल्द दहुम
पेज 105
व
तफसीर दुर्रे मन्सूर ईमाम जलालुद्दीन सुयूती ज़िल्द सोम ,पेज 245)