(1) क़ुरान शरीफ की तिलावत से और शहद के इस्तेमाल करने की बरकत से आदमी बहुत बड़ी बिमारियों से बच जाता है.
(2) जो आदमी दीन के बारे में ४० हदीस याद करे और मेरी उम्मत के लोगो तक पहुचाये, अल्लाह पाक क़यामत के दिन उससे फकीहो के साथ उठाएगा। मैं उसकी शफ़ाअत करुगा, उसके मोमिन होने की गवाही दूंगा।
(3) जो आदमी वजू के वक़्त धोये जाने वाले बदन के हिस्से को दो – दो बार धोएगा, उसे डबल सवाब मिलेगा ( एक एक बार धोना तो फ़र्ज़ है ही ) और जो दिन दिन बार धोएगा उसे नबियों के वजू करने जैसा सवाब मिलेगा।
(4) क़ुरान शरीफ की खूब तिलावत करने वाले, दीन की समझ रखने वाले, लोगो को नेकी की दावत देने वाले, बुराईयो से रोकने वाले और रिस्तेदारो से अच्छा बर्ताव करने वाले सब से अच्छे लोग है
(5) आलिमो की पैरवी करो क्योंकि यह दुनिया व आख़िरत के चिराग है
(6) क़यामत में जब मेरी उम्मत बुलाई जाएगी तो उनके हाथ – पैर, चहरे, जो वजू के दौरान धोये जाते है, वजू की बरकत से चमते होंगे, इसलिए जिस से हो सके अपनी चमक जाएदा करे
(7) नमाज़ पढ़ो और ज़कात दो, जो नमाज़ न पढ़े उसकी ज़कात मकबूल नहीं।
(8) अल्लाह के डर से रोने वाला कभी जहन्नम में नहीं जा सकता
(9) दुनिया की मोहब्बत सारी बुराई की जड़ है
(10) अपने बच्चो के नाम मेरे नाम पर रखो
(11) पैजामा बैठ कर पहनो और इमामा खड़े हो कर बांधो। जिसने इसका उल्टा किया वह किसी अयेसे मर्ज़ में मुब्तला होगा जिसका कोई इलाज नहीं।