पर्दा #_इज़्ज़त हैं बे इज़्ज़ती नही
➡आजकल कुछ इस्लाम के दुश्मन मुसलमान औ़रतों को ये कहकर बहकाया करते हैं कि इस्लाम ने औ़रतों को पर्दे में रख कर औ़रतों की बे इज़्ज़ती की हैं इसलिए औ़रतों को पर्दों से निकल कर हर मैदान में मर्दों के दोश बदोश खड़ी हो जाना चाहिए!
मगर प्यारी बहनों, खूब अच्छी त़रह़ समझ लो कि इन दुश्मनाने इस्लाम की ये चाल इतनी गन्दी और घिनौनी फ़रेब और धोका हैं कि शायद शैत़ान को भी नही सूझी होगी!
➡ऐं मां फ़ातिमा رَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنٔهَ की कनीज़ों, तुम्ही इन्साफ़ करो कि तमाम किताबें खुली पड़ी रहती हैं और बे पर्दा रहती हैं मगर कुरआन शरीफ़ पर हमेशा गिलाफ़ चढ़ा कर इसको पर्दे में रखा जाता हैं!
*??तो बताओ कुरआन मजीद पर गिलाफ़ चढ़ाना ये कुरआन शरीफ़ की इज़्ज़त हैं या बे इज़्ज़ती❓*
➡इसी त़रह़ तमाम दुनिया की मस्जिदें बे पर्दा रखी गई हैं मगर ख़ाना ए क़ाबा पर गिलाफ़ चढ़ा कर इसको पर्दे में रखा गया हैं!
*??तो बताओ कि क़ाबा ए मुक़द्दसा पर गिलाफ़ चढ़ाना इसकी इज़्ज़त हैं या बे इज़्ज़ती❓*
➡तमाम दुनिया को मालूम हैं कि कुरआन मजीद और क़ाबा ए मुअज़्ज़मा पर गिलाफ़ चढ़ा कर इन दोनों की इज़्ज़त और अज़्मत का ऐलान किया गया हैं कि तमाम किताबों में सबसे अफ़्ज़ल और आला कुरआन हैं, और तमाम मस्जिदों में अफ़्ज़ल और आला क़ाबा ए मुअज़्ज़मा हैं!
इसी त़रह़ मुसलमान औ़रतों को पर्दे का हुक्म देकर अल्लाह عَزَّوَجَلَّ व रसूल صَلَّى اللّٰهُ تَعَالٰى عَلَئهِ وَ اٰلِهٖ وَسَلَّم की त़रफ़ से इस बात का ऐलान किया गया हैं कि तमाम आ़लम की क़ौमों में तमाम औ़रतों में मुसलमान औ़रतें तमाम औ़रतों से अफ़्ज़ल और आला हैं!
*??प्यारी बहनों,*
*अब तुम्ही को इसका फ़ैसला करना हैं कि इस्लाम ने तुमको पर्दे में रख कर तुम्हारी इज़्ज़त बढ़ाई हैं या तुम्हारी बे इज़्ज़ती की हैं❓*
*?(जन्नती ज़ेवर, सफ़ह़ा-82)*
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➡प्यारी बहनो, ज़िन्दगी थोड़ी सी हैं और जो भी नेक अ़मल करना हैं वो इस छोटी सी ज़िन्दगी में ही करना हैं!
काफ़ी बहने इस ख़याल में मगन हैं कि *”अभी तो घुमने फिरने के दिन हैं, बाद में पर्दा करूंगी, अभी तो मेरा शुमार बच्चियों में होता हैं बाद में पर्दा करूंगी, मेरे घर की बड़ी औ़रतों ने भी अभी तक पर्दा नही अपनाया मैं क्यूं करू? आजकल कोई पर्दा वर्दा नही करती वग़ैरा वग़ैरा!”*
??ये सब शैत़ानी वस्वसे हैं जो अक्सर बहनों के दिलो दिमाग में घर किए हुए हैं!
मगर ज़िन्दगी का कोई भरोसा नही, मौत कभी भी आ सकती हैं और सोचो कि अगर इस सोच में ही मौत आ गई तो अल्लाह عَزَّوَجَلَّ व रसूल صَلَّى اللّٰهُ تَعَالٰى عَلَئهِ وَ اٰلِهٖ وَسَلَّم को क्या मुंह दिखाओगी❓
*दुनिया का पर्दा जन्नत में ले जाएगा और बे पर्दगी अ़ज़ाबे जहन्नम का बाइस बनेगी!*
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*अल्लाह عَزَّوَجَلَّ अपने ह़बीब صَلَّى اللّٰهُ تَعَالٰى عَلَئهِ وَ اٰلِهٖ وَسَلَّم के सदक़े तुफ़ैल तमाम बहनों को शरई़ पर्दा करने की त़ौफ़ीक़ बख़्शे!*
*???? आमीन ????*
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